Rahul Gandhi Expose by Dr S Jaishankar । कांग्रेस मुक्त भारत । प्रकाश प्रवाह

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Rahul Gandhi Exposed Image
  • हो सकता है जो आज मैं लिखने जा रहा हूँ वो आपको थोड़ा सा रूड लगे, पर जो घटना हुई है जिस तरीके से राहुल गांधी ने इंग्लैंड में जाकर भारत के बारे में गलत बातें कहीं हैं, भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बारे में गलत बातें कही हैं। तो भाई यह घटना ही ऐसी है कि रूड होना तो बनता ही है, और रूडनेस भी काफी छोटी सी चीज़ है, मेरे हिसाब से तो ये देशद्रोह गिना जाना चाहिए।
  • यह सवाल मेरा आपसे है, यानी भारत के लोगों से कि, भारतीय राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी, जो अपने आप को प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे हैं, वो इंग्लैंड, यानी ऐसे देश जिसने भारत पर रूल किया हुआ है, वहां जाकर भारत के वर्तमान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और उनकी आदर्शता पर कुछ बातें करते हैं, भारत को बुरा दिखा रहे हैं, तो क्या वो सही हैं, क्या उसको मैं देशद्रोह नहीं बोलूँ।
  • चलिए मुद्दे की ओर बढ़ते हैं, मैं डॉ. एस. जयशंकर के काम से काफी प्रभावित हूं, मैं उनके काफी सारे इंटरव्यू भी देखता हूं, तो उसमें से एक इंडिया टुडे कौंसिल का उनका इंटरव्यू देख रहा था, वो इंटरव्यू मैंने यहाँ पे डाला है, आप देख सकते हैं।
  • तो मुझे सबसे पहले तो काफी अजीब सा लगा कि कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी अपने देश और भारत के विदेश मंत्री के बारे में किसी दूसरे देश में जाकर ऐसी बातें कैसे कह सकते हैं। बेसिकली, राहुल गांधी ने ये बोला था कि भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर डरपोक हैं, वो बोलते हैं कि चीन से हम कैसे लड़े, वो तो बहुत पावरफुल हैं, डॉ. एस. जयशंकर की आइडियोलॉजी ‘कायर’ है, और उनको यह आइडियोलॉजी आरएसस से मिली है क्योंकि आरएसस ने भी आज़ादी की लड़ाई में कभी योगदान नहीं दिया था।
  • तो देखो, ये शब्द सारे के सारे राहुल गांधी के ही थे, उसमें ना मैंने कुछ भी अतिरिक्त मसाला अपनी ओर से ऐड किया है और नहीं मैंने कुछ भी मैनिपुलेशन किया है, जो भी चीजें राहुल गांधी ने बोली वो आपको बता रहा हूं, और प्रूफ के लिए मैं वीडियो की लिंक यहाँ पे रख देता हूँ, ताकि आप लोग उस लिंक पर क्लिक करके वो वीडियो देख सके।

  • अब आगे बढ़ते हैं, तो इंटरव्यूअर का सवाल था कि राहुल गांधी के इस स्टेटमेंट पर आपकी क्या टिप्पणी है, अब मैं आपको डॉ. एस. जयशंकर और राहुल गांधी की आइडियोलॉजी में अंतर दिखा रहा हूं, और उसके साथ में आपको आरएसस/भाजपा और कांग्रेस की आइडियोलॉजी में अंतर दिखा देता हूं।

राहुल गांधी की आइडियोलॉजी पर डॉ. एस. जयशंकर के शब्द

  • डॉ. एस. जयशंकर इसपर उत्तर देते हैं कि, मैं जानता हूं कि विदेश में राहुल गांधी के चीन के लिए क्या शब्द हैं और भारत के लिए क्या शब्द हैं, और मुझे एक और घटना याद है 2011 की, जो बिल्कुल ही विभिन्न अनुभव था। उस समय पे मैं पहली बार नरेंद्र मोदी से मिला था, उस समय पे नरेंद्र मोदी विपक्ष के गुजरात के मुख्यमंत्री थे, और उस समय इंडिया में काफी पॉलिटिकल अटैक थे, और वो चीन आए थे और मैं एम्बेसडर था चीन में, और उन्होंने मुझसे चीन के साथ जो भी हमारे इशू है उसपर डिटेल में बात करने का आग्रह किया, तो उस समय पे हमारे काफी इशू थे चीन के साथ, तो मैंने उनको इशू के बारे में बताया और जब ये डिस्कशन पूर्ण हुआ तो मैंने उनसे कहा कि आप पहले ऐसे मुख्यमंत्री हो जिन्होंने चीन के साथ जो भी हमारी समस्या है उस पर चर्चा करनी चाहि, मैं काफी क्यूरियस हूँ कि ऐसा क्यों, आप विपक्ष में होने पर भी ऐसा सवाल।
  • नरेंद्र मोदी का जवाब ये था, कि देखो, ये सही है कि मैं विपक्ष का मुख्यमंत्री हूं, किन्तु भाजपा से पहले मैं एक भारतीय हूँ, मेरे लिए मेरी राजनीतिक दल से पहले भारत आता है और मैं चीन आया हूं, तो मैं एक भी ऐसी चीज़ नहीं बोलना चाहता जो मेरे देश के विरुद्ध हो, और मैं काफी सावधान रहना चाहता हूं जब मैं अपने देश के बारे में बोलूं, मैं सबसे पहले भारत और चीन के बीच की सारी समस्याएँ आपसे जानना चाहता हूं और जब हम मीटिंग में हो और आप देखो कि मैं कुछ गलत कर रहा हूं तो आप मुझे सावधान करें।
  • डॉ. एस. जयशंकर इंटरव्यू मैं आगे बोलते हैं कि मैंने 2011 में ऐसे इंसिडेंट देखे हैं और आज मैं ऐसे लंदन वाले इंसिडेंट देखता हूं, तो मुझे आइडियोलॉजी में काफी डिफ़रेंस दिखाई देता है। मैं पॉलिटिकल को साइड में रखते हुए राहुल गांधी के स्टेटमेंट पे कमेंट करना चाहता हूं कि, मुझे काफी दुख होता है जब कोई भारतीय नागरिक चीन के बारे में काफी अच्छी बातें बोलता है, लेकिन उसी समय वो भारत को नीचा दिखाता है। मैं एक्साम्पल देता हूं, आपको पता है कि चीन के बारे में वो कौनसा शब्द यूज़ करे थे जब वो लंदन में ये बातें बोल रहे थे, हारमोनी। और उस समय पे उन्होंने इंडिया के लिए डिसकॉर्ड शब्द यूज़ किया था।
  • ये सारी बातें डॉ. एस. जयशंकर ने खुद बोली थी उनके इंटरव्यू में, मैं आपको वो वीडियो दिखा देता हूं:
  • अब देखो, 'हारमोनी' का तो मतलब सबको समझ नहीं आएगा, तो मैं आपको मतलब समझा देता हूं कि 'हारमोनी' का मतलब होता है कि सभी को साथ चलना, या फिर ऐसे भी बोल सकते हैं कि सभी देशों के साथ शांति से और सहयोग से रहना। और अगर मैं दूसरी तरफ़ 'डिसकॉर्ड' का मतलब बताऊँ तो 'डिसकॉर्ड' का मतलब 'हारमोनी' से विरुद्ध होता है, यानी कि शांति को भंग करना और दो देशों के बीच असहमति होना, तो राहुल गांधी के हिसाब से चीन सभी देशों के साथ शांति और सहयोग से रहता है और भारत सभी देशों से असहमति और असहयोग से रहता है, या दूसरे शब्दों में कहें तो दो देशों के बीच अशांति फैलाता है।
  • ये सारे शब्द राहुल गांधी ने इंग्लैंड में बोले थे,  तो आप यहाँ पे पढ़ सकते हो कि राहुल गांधी की आइडियोलॉजी क्या है और डॉ. एस. जयशंकर की आइडियोलॉजी क्या है, जब मैंने ये सारी बातें जानी तो मुझे राहुल गांधी पर बहुत गुस्सा आया था, लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं, हमारे देश में परिवारवाद की प्रथा चल रही है जो कांग्रेस ने शुरू की है, देखो मैं कांग्रेस के भी विरुद्ध हूँ, और मैं कांग्रेस-मुक्त भारत को काफी होशो आवाज़ में सपोर्ट करता हूँ, क्योंकि राहुल गांधी जैसे कायर को कांग्रेस प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, मैं यहाँ पे ‘कायर’ आइडियोलॉजी राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए उपयोग करूँगा।

राहुल गांधी का दोगलापन

  • आपने डॉ. एस. जयशंकर के इंटरव्यू में देख ही लिया था कि राहुल गांधी और कांग्रेस भारत के बारे में क्या सोचते हैं, कांग्रेस और राहुल गांधी दोनों भारत की उपलब्धियों को नकारते हैं, और नकरना भी कहा जाके इंग्लैंड जाकर, वो भारत में रहते हुए तो ये सारे काम करते ही हैं लेकिन भारत के बाहर जाकर भी वो भारत को बदनाम करते हैं। मुझे तो ये लगता है कि राहुल गांधी भारतीय ही नहीं हैं, अगर होते तो ऐसे ठोड़ीना बोलते। कांग्रेस और राहुल गांधी के हिसाब से 'मेक इन इंडिया' नहीं चला, कोविड में भारत ने जो कोवैक्सीन बनाई वह भी नहीं चली। अरे इस दोगले नेता को भारत का भूगोल ज्ञान भी नहीं हैं, वो इंग्लैंड में बेल्टएंड रोड पर भी बोले थे, आपकी जानकारी के लिए मैं पहले ही बता देता हूं कि बेल्टएंड रोड चीन की सीमा पर आता ही नहीं है, बेल्टएंड रोड पीओके से निकलता है, और राहुल गांधी ने इंग्लैंड में बेल्टएंड रोड को चीन की पीली नदी से तुलना की थी, बेल्टएंड रोड पीओके से निकलता है और ये फिर राष्ट्रीय एकता की बात हो जाती है।
  • अब हमारी वर्तमान सरकार ने काफी समझदारी से श्रीनगर में जी-ट्वेंटी की मीटिंग रखी थी, ये पूरे विश्व के लिए एलान था कि कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है और इस पर न हम किसी को पाव रखने देंगे न किसी को इस मुद्दे पर बोलने देंगे, और ये राहुल गांधी इंग्लैंड में जाकर बेल्टएंड रोड पर कमेंट करते हैं, ये वही राहुल गांधी और कांग्रेस है जो उरी सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। देखो, विपक्ष की जिम्मेदारी होती है कि वर्तमान सरकार को टोकना, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो हमारे आर्म फोर्सेस, एयर फोर्सेस या नेवी के जो भी सफल मिशन है उनके प्रूफ मांगें, वीर जवानों ने जो स्ट्राइक की थी उनपर गर्व होना चाहिए राहुल गांधी और कांग्रेस को, लेकिन, ये दोगले लोग संसद में जाकर प्रूफ मांग रहे हैं, ये सभी लोग जो उरी सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट एयर स्ट्राइक के प्रूफ मांग रहे हैं, उनको तो देश निकाल की सजा देनी चाहिए, देशद्रोहियों को ऐसी ही सजा मिलती है।
  • अब तो ऐसा लगता है कि कांग्रेस मुक्त भारत के पोस्टर लेकर निकल पड़ूँ रास्तों पर। हाँ, रास्तों से याद आया कि 'भारत जोड़ो यात्रा', जिंका धिंढोरा पीटे नहीं थक रहे कांग्रेस वाले। मैं इस चीज़ को अच्छे तरीके से लूँगा, मुझे काफी अच्छा लगा था जब राहुल गांधी ने ये यात्रा शुरू की थी, मुझे उस समय लगा कि राहुल गांधी के विचार अच्छे हो गए, वो देश को जोड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन जैसे ही महाराष्ट्र में पहुँचे तो अपनी बुद्धि का प्रदर्शन कर ही दिया। राहुल गांधी ने वीर सावरकर पर टिप्पणी की, अरे राहुल गांधी जी, आपकी औकात नहीं है वीर सावरकर पर बोलने की, और सबसे बुरा तो तब लगा कि पूरी की पूरी कांग्रेस इस बात को सपोर्ट कर रही थी। इसलिए मैं बार-बार बोलता हूँ कि 'कांग्रेस मुक्त भारत'।
  • वीर सावरकर वाले इंसिडेंट पे एक और लेख बना लेंगे, इस लेख में ये सारी चीज़ें नहीं आ पाएंगी। तो भाई, कांग्रेस के सपोर्टर और राहुल गांधी जी, आप ये बोलते हो ना कि 'मेक इन इंडिया' नहीं चला, कोवैक्सीन नहीं चली, तो उस हिसाब से तो आपकी 'भारत जोड़ो' यात्रा तो 'भारत तोड़ो' यात्रा हो गई, उस पे क्या बोलना चाहेंगे आप, इंग्लैंड में जाकर भारत को नीचा दिखाया उस पे क्या बोलना चाहेंगे। एक और नेता है इनके सुप्रिया जी, जब देखो तब हाथ में मोदी या अदानी के रिश्तों के फोटो लेकर चलती है, इस पे टिप्पणी करे थोड़ी, जो देशद्रोही जैसे काम कर रहे हैं आपके नेता, उन पे थोड़ा बोलिए, लेकिन नहीं, इसपे तो नहीं बोल सकते, परिवार भक्त जो है। और ऐसे ही नजाने कितने परिवार भक्त है जो राहुल गांधी जैसे कायर इंसान को भारत का युवा नेता बोलते हैं, देखो, अगर युवा ऐसा होता है तो भाई ये भारत के युवा नहीं है, ये इटली के युवा नेता है। ये वही लोग है जो एक समय पर बोल रहे थे कि इंदिरा ही भारत है और भारत ही इंदिरा, तो इन लोगों को मैं यह भी बोलना चाहता हूँ कि भारत किसी एक व्यक्ति से नहीं है।

कांग्रेस का आज़ादी पे दोगलापन

  • अब थोड़ा आज़ादी पे भी बोल लेते हैं, कांग्रेस पूरी तरीके से आज़ादी का श्रेय लेती है। तो इनको मैं यह भी बोलना चाहता हूँ कि भारत को आज़ादी केवल कांग्रेस से नहीं मिली थी, अगर मैं 1947 की बात करूँ तो 1947 में जो आज़ादी मिली उनमें सबसे बड़ा योगदान नेताजी सुभाष चंद्र बोस का था, आज़ाद हिन्द फ़ौज का था। तो कांग्रेस ने आज़तक आज़ादी का श्रेय लिया हुआ है, मैं यह नहीं बोल रहा कि आज़ादी में कांग्रेस का कोई योगदान नहीं था, क्यूंकि मेरी आइडियोलॉजी "कायर" नहीं है, राजनीतिक रूप से कांग्रेस का सबसे बड़ा योगदान था आज़ादी में, क्यूंकि इसमें गांधीजी, सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे महापुरुष थे। लेकिन आज़ादी सिर्फ राजनीतिक रूप में नहीं मिलती, इसमें बलिदान भी लगता है, और कांग्रेस के कोई भी ऐसे नेता नहीं थे जिन्होंने बलिदान दिया हो, जिनको फाँसी की सजा हुई हो, तो कांग्रेस का आज़ादी के लिए श्रेय लेना बंता भी नहीं है। भगत सिंह, सुखदेव या राजगुरु ये 22 या 23 साल के युवा थे जिन्होंने अपने देश के लिए बलिदान दिया। न जाने कितने ऐसे शहीद थे जिन्होंने हसते हसते फाँसी के फंदे पर जूल गए थे, लेकिन एक भी बार कांग्रेस के एक भी नेता आज़ादी के लिए ऐसे शहीदों को श्रेय नहीं देते।
  • तो यहाँ भी कायर आइडियोलॉजी कांग्रेस की ही है, राहुल गांधी की ही है, लेकिन डॉक्टर एस जयशंकर की या भारत की नहीं है। मैं यह भी नहीं बोल रहा कि भाजपा सभी तरीके से सही है, इनसे भी कई गलतियाँ हुई हैं, लेकिन जब वो देशहित की बात करते हैं तो वे राहुल गांधी या कांग्रेस जैसे देशद्रोहीयों वाले कार्य नहीं करते। मेरे लिए जो अपने देश को झुकने नहीं देता, वो सही है। और अबतक के लेख में मैंने आपको साबित भी कर दिया है कि राहुल गांधी या कांग्रेस भारत को नीचा दिखा रहे हैं, क्यों? क्यूंकि सत्ता का लालच। देश के लिए काम करने में अगर थोड़ा सा भी लालच हो तो वह देश के लिए सही नहीं है। और खासकर जिनको आप प्रधानमंत्री बनाना चाहते हो, तो फिर ये तो बिल्कुल सही नहीं है कि वो व्यक्ति विदेश में जाकर देश को बुरा बोले। आखिर में मैं यह बोलना चाहता हूँ कि आप भी मेरे साथ 'कांग्रेस-मुक्त भारत' का समर्थन कीजिये।

कांग्रेस मुक्त भारत।
कांग्रेस मुक्त भारत।
कांग्रेस मुक्त भारत।

  • राहुल गांधी जैसे लोगों को बहिष्कार करो, और जो गठबंधन का नाम इन्होंने इंडिया रखा है, इनका भी बहिष्कार करो क्योंकि ये सब राहुल गांधी जैसे कायर के साथ मिल चुके हैं।
  • अगर इस पूरे लेख में मेरे से कोई भी चीज़ का विवरण करने में कोई गलती हुई है, या फिर किसी व्यक्ति के नाम लेने में कोई गलती हुई है, तो मैं क्षमा चाहता हूँ।

सबसे आखिर में, अर्ध सत्य, पूर्ण असत्य से भी खराब है। तो, अहिंसा परमो धर्म, ये अर्ध सत्य है। पूर्ण सत्य है, अहिंसा परमो धर्म, धर्म हिंसा तथेव च। और आज के समय में, धर्म हिंसा तथेव च, कि काफी जरुरत भी है।


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भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
भारत माता की जय।